इतनी महिमा और प्रतिष्ठा के बावजूद कि वे हैं..और हालांकि वे बुढ़ापे और बूढ़े हो गए हैं..वे एक-दूसरे से प्यार नहीं करते..और न ही दूसरे को देख सकते हैं।
तो बात ताकत, पैसे या खूबसूरती की नहीं है रिश्तों की संवेदनशीलता बनी रहेगी, हालात कैसे भी बदले
यह उन लोगों के लिए सहज महसूस होगा जो टूटे हुए पारिवारिक रिश्तों के प्रति अति संवेदनशील हैं।