लाभकारी संवाद और सोफिस्ट तर्क में क्या अंतर है?
लाभकारी संवाद और सोफिस्ट तर्क में क्या अंतर है?
लाभकारी संवाद और सोफिस्ट तर्क में क्या अंतर है?
उपयोगी बातचीत
1- वार्ता का मुख्य उद्देश्य एक अच्छे समाधान तक पहुंचना है जो दोनों पक्षों या पार्टियों को संतुष्ट करता है, और सभी के लाभ के लिए।
2- पक्षों के बीच संवाद शांत, बातचीत के शिष्टाचार के प्रति प्रतिबद्धता, दूसरों को बात करने का अवसर देने, और बिना हमला या अपमान किए विनम्रतापूर्वक आपत्ति पर आधारित है।
3- दोनों पक्षों के बीच या पार्टियों के बीच संवाद को कम आवाज की विशेषता होती है, जैसे कि किन्हीं दो लोगों के बीच होने वाली बातचीत।
4- पक्ष विश्वसनीय और निर्विवाद जानकारी प्रदान करते हैं, या उनके साथ हुए अनुभवों पर कुछ विचार और सलाह प्रदान करते हैं, या जो उन्होंने अपने किसी मित्र या रिश्तेदार से सुना है।
5- वार्ता का उद्देश्य बाहर निकलना और दोनों पक्षों के लिए लाभ और लाभ तक पहुंचना है।
6- जिस तरीके से और सुरुचिपूर्ण ढंग से व्यवहार करना, और सर्वसम्मति से कि सभी पक्ष सिद्धांत पर सहमत हों, सभी के लिए कई मुद्दों पर बात करने का रास्ता खुल जाएगा।
7- सभी पक्षों की संतुष्टि के अलावा दूसरों का प्यार मिलने और उनके साथ संबंध मजबूत करने के साथ ही नई दोस्ती पाने की संभावना के साथ चर्चा समाप्त होगी।
सोफिस्ट विवाद
1- तर्क हर समय सभी पक्षों पर नकारात्मक परिणाम और समाधान और लाभ तक पहुंचने में विफलता के साथ समाप्त होता है, क्योंकि यह एक राय व्यक्त करके और अन्य राय का सम्मान नहीं करके दर्शाया जाता है।
2- पक्षों के बीच तर्क घबराहट, प्रतिक्रिया की गति और स्पीकर के बार-बार रुकावट पर आधारित है, इसके अलावा बोलने वाले व्यक्ति को प्रगति का निर्देश देता है।
3- दोनों पक्षों के बीच या पार्टियों के बीच के तर्क में तेज आवाज की विशेषता होती है, जो लक्ष्य को प्राप्त करने के उन्मूलन की ओर ले जाती है।
4- विवाद में पक्ष झूठी जानकारी प्रदान करते हैं, या अफवाहें जारी करते हैं जिनमें सच्चाई का कोई स्थान नहीं है, इसके अलावा झूठ बोलने की संभावना उनके द्वारा जारी की जाएगी।
5- प्रत्येक पक्ष के लिए तर्क का उद्देश्य यह है कि यह तर्क की विश्वसनीयता और होने वाले सर्कल की परवाह किए बिना हारे हुए के रूप में सामने नहीं आता है।
6- तर्क का प्रकार तर्क का तरीका निर्धारित करता है, इसलिए धार्मिक, वैचारिक और राजनीतिक मुद्दों जैसे संवेदनशील विषयों से बचना चाहिए।
7- अपमान, गाली-गलौज और असंतोष से वाद-विवाद समाप्त होगा।
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